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Ghatshila By-Election Jharkhand : घाटशिला में कल बंद हो जाएगा चुनाव प्रचार का शोर, BJP–JMM ने झोंकी पूरी ताकत

News Lahar Reporter

जमशेदपुर : झारखंड के घाटशिला विधानसभा उपचुनाव का चुनावी शोर अब अंतिम पड़ाव पर है। कल 9 नवंबर शाम 5 बजे चुनाव प्रचार पूरी तरह बंद हो जाएगा। इसके बाद उम्मीदवारों और पार्टियों के लिए मतदाताओं से संपर्क करने का आख़िरी अवसर नहीं बचेगा। मतदान 11 नवंबर को होगा और नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।

इस सीट पर कुल 2,55,823 मतदाता तय करेंगे कि जनता किसे चुनेगी—सत्ता में मौजूद इंडिया गठबंधन (JMM–Congress–RJD) के उम्मीदवार सोमेश सोरेन को या फिर भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन को। मैदान में भले ही 13 उम्मीदवार हों, लेकिन सीधा मुकाबला JMM और BJP के बीच सिमट गया है। वहीं जेएलकेएम (JKLM) तीसरे फैक्टर के रूप में समीकरण बिगाड़ने की कोशिश में है।

JMM की रणनीति- चेहरे और भावनाओं का सहारा

झामुमो इस चुनाव को प्रतिष्ठा से जोड़कर देख रहा है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन लगातार प्रचार में जुटे हुए हैं। पार्टी का पूरा फोकस है:

* पंचायत स्तर पर मिनी जनसंवाद
* महिलाओं के समूह से सीधा संपर्क
* ओबीसी और महिला वोट बैंक को साधना

यह चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की राजनीतिक साख से भी जुड़ा है। भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने अपने पुत्र सोमेश सोरेन के लिए टिकट तो दिला दिया, लेकिन जीत या हार तय करेगी कि भाजपा में उनका भविष्य कितना मजबूत होगा।

BJP का दांव-संगठन और बूथ मैनेजमेंट

भाजपा ने घाटशिला को प्रतिष्ठा की लड़ाई बना दिया है।
क्षेत्र में लगातार बड़े नेताओं की रैली हो रही है-बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, रघुवर दास और सुवेंदु अधिकारी जैसे चेहरे मोर्चा संभाले हुए हैं।

मुख्य फोकस:

* बूथ प्रबंधन को युद्ध स्तर पर मजबूत करना
* कमजोर बूथों पर विशेष टीम की तैनाती
* राज्य स्तर से मॉनिटरिंग

हालांकि स्थानीय असंतोष भाजपा के लिए चुनौती भी है।

तीसरा फैक्टर – JKLM का असर

जेएलकेएम के जयराम महतो दोनों बड़ी पार्टियों की गणित बिगाड़ने की कोशिश में हैं। अगर वोट कटाव होता है, तो परिणाम उलटफेर कर सकता है।

किसका पलड़ा भारी?

* एक तरफ हेमंत–कल्पना सोरेन का चेहरा और भावनात्मक अपील
* दूसरी तरफ भाजपा की संगठनात्मक ताकत और बूथ मैनेजमेंट

घाटशिला तय करेगा —
सत्ता की चमक बरकरार रहेगी या राजनीतिक समीकरण बदल जाएंगे।

9 से 11 नवंबर तक ड्राई डे

* 9 नवंबर सुबह 5 बजे से 11 नवंबर शाम 5 बजे तक शराब की बिक्री पर पूरी रोक
* उल्लंघन करने पर 6 महीने की जेल या 2000 रुपये जुर्माना
* होटलों–बार में भी बिक्री प्रतिबंधित

प्रचार बंद होने के बाद क्या नहीं कर सकते?

* किसी भी तरह की जनसभा या प्रचार की अनुमति नहीं
* टीवी, समाचार, सोशल मीडिया आदि पर प्रचार करने पर भी कार्रवाई होगी
* बाहर से आए नेताओं और कार्यकर्ताओं को 9 नवंबर शाम 5 बजे से पहले घाटशिला छोड़ना होगा

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