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जमशेदजी टाटा की जयंती पर कार्यक्रम और मिष्ठान वितरण, जमशेदपुरवासियों ने व्यक्त की कृतज्ञता

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:जमशेदपुर में टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी नसरवानजी टाटा की 186वीं जयंती जमशेदपुर में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर शहरभर में विशेष सजावट की गई और रोशनी की जगमगाहट से पूरा टाटा नगर आलोकित हो उठा। टाटा जी के योगदानों को याद करते हुए विभिन्न संगठनों और नागरिकों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

टाटा जी का योगदान:

जमशेदजी टाटा की दूरदृष्टि और परिश्रम ने इस शहर को एक आदर्श औद्योगिक केंद्र बना दिया। उन्होंने केवल उद्योगों की नींव ही नहीं रखी, बल्कि श्रमिकों के कल्याण और सामाजिक विकास को भी प्राथमिकता दी। उनकी स्थायी योजनाओं के कारण ही जमशेदपुर को आज “लौह नगरी” के रूप में जाना जाता है, और टाटा स्टील के माध्यम से इस शहर का नाम वैश्विक स्तर पर पहचाना जाता है।

विशेष आयोजन:

टाटा जी की जयंती के उपलक्ष्य में “जयालक्ष्मी नाट्य कला मंदिरम, जमशेदपुर” संस्था द्वारा सोनारी स्थित कार्यालय में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में टाटा जी की तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया, और उनके योगदानों को याद किया गया। इस अवसर पर संस्था ने बच्चों और बड़ों के बीच टॉफियों एवं मिष्ठान का वितरण किया, जिससे समाज में एकता और भाईचारे का संदेश दिया गया।

तीन दिवसीय उत्सव और सुरक्षा व्यवस्था:

हर साल की तरह, इस बार भी जमशेदपुर में तीन दिवसीय रोशनी उत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें पूरे शहर को भव्य तरीके से सजाया गया। इस दौरान प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था भी चाक-चौबंद रखी और नागरिकों से सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की।

समाज की जिम्मेदारी:

जमशेदजी टाटा की जयंती केवल एक समारोह नहीं, बल्कि एक प्रेरणा का स्रोत है। यह हम सभी का कर्तव्य है कि हम उनकी विरासत को संजोएं और उनके द्वारा दिखाए गए परिश्रम, नवाचार और समाज सेवा के मार्ग पर चलें। जमशेदपुर के नागरिकों ने इस दिन श्रद्धा और सम्मान के साथ टाटा जी को याद किया और उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया।

 

 

टाटा जी को शत-शत नमन!

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