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झारखंड में आदिवासियों पर हमले और जमीन लूट के खिलाफ भाजपा का हल्ला बोल

 

चाईबासा: भारतीय जनता पार्टी पश्चिमी सिंहभूम जिला इकाई ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर आदिवासियों के उत्पीड़न, सामाजिक कार्यकर्ताओं की हत्या और किसानों की जमीन हड़पने के गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी ने साफ शब्दों में कहा है कि राज्य की कानून व्यवस्था चरमरा गई है और सरकार आदिवासियों की सुरक्षा करने के बजाय माफिया, अपराधियों और दलालों को संरक्षण दे रही है।

भाजपा की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य में संवेदनहीन, भ्रष्ट और निकम्मी शासन व्यवस्था के कारण आम जनता त्रस्त है। सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता और सच बोलने वाले लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। ताजा उदाहरण संथाल परगना के सामाजिक कार्यकर्ता स्वर्गीय सूर्या हांसदा की कथित फर्जी मुठभेड़ में हत्या का है, जिसे भाजपा ने राज्य प्रायोजित हत्या करार दिया है।

भाजपा का कहना है कि सूर्या हांसदा न सिर्फ सामाजिक कार्यकर्ता थे, बल्कि वे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास रखते थे और चुनाव भी लड़ चुके थे। उनके खिलाफ कोई वारंट लंबित नहीं था, और अधिकांश मामलों में वे अदालत से बरी हो चुके थे। जो मामले शेष थे, उनमें उन्हें जमानत मिल चुकी थी। वे झारखंड में अवैध खनन, पत्थर तस्करी और माफिया राज के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे थे। यही बात भ्रष्ट तंत्र को नागवार गुज़री और अंततः उन्हें फर्जी एनकाउंटर में मार दिया गया।

भाजपा का मानना है कि यह हत्या एक गहरी साजिश का हिस्सा है, जिसे सरकार और प्रशासन की मिलीभगत से अंजाम दिया गया है। पार्टी ने सूर्या हांसदा की मौत की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों को सजा मिल सके।

भाजपा ने नगड़ी क्षेत्र के आदिवासी रैयतों की जमीन को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी का कहना है कि रिम्स-2 परियोजना के नाम पर नगड़ी की हजारों एकड़ आदिवासी जमीन को जबरन अधिग्रहित करने का प्रयास किया जा रहा है। यह जमीन 1955 से लेकर 2012 तक कई बार सरकार की निगाह में रही, लेकिन हर बार आदिवासियों के जोरदार विरोध के कारण अधिग्रहण नहीं हो सका।

अब वर्तमान सरकार ने फिर से किसानों की जमीन हड़पने की कवायद शुरू कर दी है। यहां तक कि रैयतों की मालगुजारी रसीदें भी बंद कर दी गई हैं, जिससे उनकी वैधता और अधिकार को चुनौती दी जा रही है। भाजपा का कहना है कि यह पूरी कार्रवाई आदिवासियों के अधिकारों पर सीधा हमला है।

भाजपा ने प्रेस विज्ञप्ति में लिखा है कि “अबुआ राज” के नाम पर सरकार आदिवासियों को पीटने, उनकी जमीन छीनने और उनके अधिकारों को कुचलने का काम कर रही है। हत्या हो रही है, बेटियां असुरक्षित हैं, और जनता की आवाज़ को दबाया जा रहा है।

इन दोनों अहम मुद्दों को लेकर भारतीय जनता पार्टी – पश्चिमी सिंहभूम द्वारा 11 सितम्बर 2025 (गुरुवार) को जिले के सभी 18 प्रखंड मुख्यालयों में एक साथ धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ता प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) के माध्यम से राज्यपाल महोदय को ज्ञापन सौंपेंगे।

ज्ञापन में दो मुख्य मांगे रहेंगी:

1. स्वर्गीय सूर्या हांसदा की हत्या की सीबीआई जांच कराई जाए।

2. नगड़ी के आदिवासी रैयतों को उनकी जमीन वापस दिलाने हेतु राज्य सरकार को निर्देशित किया जाए।

प्रखंडवार प्रभारी नियुक्त

धरना को सफल बनाने के लिए पार्टी ने प्रखंडवार प्रभारी और सह प्रभारियों की सूची जारी कर दी है:

चाईबासा – जेबी तुबिद, जय किशन बिरूली

झींकपानी – राजश्री बानारा, तरुण सवैया

टोंटो – दिनेश चंद्र नंदी, बाबूराम लागुरी

हाटगम्हरिया – चंद्रमोहन तियू, देवेंद्र कुम्हार

खूटपानी – जवाहरलाल बानरा, मांगता गोप

तांतनगर – बबलू शर्मा, मोतीलाल कलून्डीया

मंझारी – भूषण पाट पिंगुवा, गुरुचरण बंकिरा

मझगांव – जयपाल कुंकल, महेंद्र गोप

जगन्नाथपुर – मधु कोड़ा, जितेंद्र गुप्ता

नोआमुंडी – गीता कोड़ा, बाबूलाल माझी

मनोहरपुर – गोविंद पाठक, बहनु तिर्की

कुमारडूगी – बड़कुंवर गागराई, विनय दास

चक्रधरपुर – मालती गिलुवा, प्रेम प्रधान, दीपक सिंह

बंदगांव – शशि भूषण सामड, राजेंद्र मछुआ, श्री तीर्थ जमुदा

सोनुवा – m आलोक रंजन सिंह, वसंत प्रधान

गुदड़ी – इंद्रजीत सामड, गोपाल गंजू

गोइलकेरा – गुरुचरण नायक, दिनेश सुरीन

आनंदपुर – किशोर डागा, मुनीलाल सुरीन

भाजपा ने कहा है कि यह लड़ाई सिर्फ सूर्या हांसदा या नगड़ी की जमीन की नहीं, बल्कि पूरे झारखंड के आदिवासियों, किसानों और आम नागरिकों की है। पार्टी ने एलान किया है कि वह इस मुद्दे पर सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष जारी रखेगी और जरूरत पड़ी तो आंदोलन को राज्यव्यापी रूप भी दिया जाएगा।

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