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जिला विधिक सेवा प्राधिकार की पहल से हाइड्रोसेफालस पीड़ित बालिका को मिला नया जीवन

 

चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत नक्सल प्रभावित जेटेया थाना क्षेत्र के शुक्रीपाड़ा गांव की एक मासूम बालिका, जो हाइड्रोसेफालस नामक गंभीर बीमारी से पीड़ित थी, अब पूरी तरह स्वस्थ होकर घर लौट आई है। यह संभव हो पाया जिला विधिक सेवा प्राधिकार चाईबासा के अध्यक्ष सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मौहम्मद शाकिर के निर्देश और मार्गदर्शन से।

जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव रवि चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि पीड़ित बालिका के सिर का आकार असामान्य रूप से बड़ा होता जा रहा था, जिससे उसकी स्थिति दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही थी। इस गंभीर मामले की जानकारी जून माह के पहले सप्ताह में प्राधिकार की अधिकार मित्र प्रमिला पात्र के माध्यम से मिली।

बालिका की हालत को देखते हुए तत्काल प्रधान जिला जज के निर्देश पर उसका प्राथमिक उपचार चाईबासा सदर अस्पताल में सिविल सर्जन और उपाधीक्षक की देखरेख में किया गया। बेहतर चिकित्सा के लिए उसे रांची के रिम्स (RIMS) अस्पताल रेफर किया गया, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने उसका सफल ऑपरेशन किया।

रांची में इलाज के दौरान सृष्टि गोप और सोनी गोप ने परिवार की हरसंभव मदद की। वहीं, चाईबासा में प्रमिला पात्र, उमर सादिक और रेणु देवी का भी इस पूरे उपचार प्रक्रिया में महत्वपूर्ण सहयोग रहा।

बालिका के सफल इलाज के बाद जब वह स्वस्थ होकर घर लौटी, तो प्रधान जिला जज मौहम्मद शाकिर ने स्वयं बालिका और उसके परिजनों से मुलाकात कर उनकी कुशलक्षेम पूछी। परिवारजनों ने बालिका के जीवन की रक्षा करने और संपूर्ण इलाज प्रक्रिया में सहयोग के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की।

इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार जरूरतमंदों के लिए न्यायिक सहायता के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों में भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है।

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