पंचायत योजनाओं की प्रगति पर उपायुक्त ने की गहन समीक्षा, अधूरी जानकारी देने पर दो समन्वयकों को कारण बताओ नोटिस
चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिला समाहरणालय स्थित सभागार में सोमवार को जिला दंडाधिकारी-सह-उपायुक्त चंदन कुमार की अध्यक्षता में पंचायत योजनाओं की प्रगति की समीक्षा को लेकर एक अहम बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में उप विकास आयुक्त संदीप कुमार मीणा, सहायक समाहर्ता सिद्धार्थ कुमार, जिला पंचायती राज पदाधिकारी सविता टोपनो, सभी प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी, प्रखंड समन्वयक एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक का आयोजन जिला पंचायती राज कार्यालय के माध्यम से 15वें वित्त आयोग के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 में पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायतों के माध्यम से संचालित योजनाओं की अद्यतन स्थिति की समीक्षा के लिए किया गया।

समीक्षा के क्रम में उपायुक्त ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिया कि जिले के सभी 18 प्रखंडों में पंचायत समिति कार्यकारिणी की बैठक के आयोजन की तिथि एवं कार्यवाही से संबंधित प्रतिवेदन शीघ्र उपलब्ध कराएं। उन्होंने यह भी कहा कि सभी प्रखंडों से योजना क्रियान्वयन की प्रगति, भुगतान की स्थिति और योजना वार समेकित रिपोर्ट उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए।
बैठक के दौरान अधूरी जानकारी के साथ उपस्थित होने पर हाटगम्हरिया और चाईबासा प्रखंड समन्वयकों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश भी उपायुक्त ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी को दिया।
उपायुक्त ने सभी प्रखंड समन्वयकों को निर्देशित किया कि पंचायत समिति के तहत लाभुक समिति से क्रियान्वित योजनाओं को कार्यानुसार पूर्ण करने के लिए समय सीमा तय की जाए और आगामी 15 दिनों में लक्ष्य के अनुरूप 50% राशि खर्च करने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

साथ ही, ग्राम पंचायतों के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2025-26 में क्रियान्वित योजनाओं की प्रखंडवार सूची भी जल्द उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।
बैठक में 118 पंचायत भवनों में संचालित ज्ञान केंद्रों की प्रगति और पंचायत सचिवालय सुदृढ़ीकरण हेतु जारी की गई राशि की उपयोगिता रिपोर्ट पर भी विस्तार से चर्चा हुई। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि 22 जुलाई 2025 तक पंचायत सचिवालय सुदृढ़ीकरण मद में अवशेष राशि के विरुद्ध कार्य योजना प्रतिवेदन अनिवार्य रूप से समर्पित किया जाए।

यह बैठक पंचायत व्यवस्था को सशक्त, पारदर्शी और समयबद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल रही। उपायुक्त ने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक समय पर पहुँचना जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।















