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पैसेंजर ट्रेनों के अत्यधिक विलंब से संचालन पर स्थानीय प्रतिनिधियों ने की बैठक, रणनीति तैयार

 

चाईबासा/डांगोवापोसी: दक्षिण पूर्व रेलवे के अधीन चलाई जा रही पैसेंजर ट्रेनों के लगातार अत्यधिक विलंबित संचालन को लेकर क्षेत्र में जनआक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए एक बार फिर स्थानीय प्रतिनिधियों ने बैठक कर रणनीति तैयार की है। बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी जनप्रतिनिधि विधायक और सांसदों से प्रत्यक्ष रूप से मिलकर रेलवे संचालन से जुड़ी जनसमस्याओं को लिखित व मौखिक रूप से पुनः अवगत कराएंगे तथा समाधान की मांग करेंगे।

बैठक में वक्ताओं ने बताया कि रेलवे को कई बार ज्ञापन देकर ट्रेनों की लेटलतीफी पर सुधार की मांग की गई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई होती नहीं दिख रही है।

 

छात्रों पर संकट: जमशेदपुर, चाईबासा, क्योंझर, भुवनेश्वर और कटक जैसे स्थानों में पढ़ाई करने वाले छात्रों को ट्रेनों के देर से परिचालन के कारण कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। कई छात्र हॉस्टल में नहीं रह पाते और ट्रेन की देरी के कारण पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं।

गरीब मरीजों की समस्या: इलाज के लिए बाहर जाने वाले गरीब मरीज, जो निजी वाहन का खर्च नहीं उठा सकते, अब ट्रेन देरी की वजह से समय पर इलाज नहीं करा पा रहे हैं। इससे उनकी जान पर बन आई है।

व्यापारियों और श्रमिकों पर असर: असंगठित क्षेत्र के कामगार, छोटे व्यापारी और दुकानदार जो किरिबुरू, बड़बील, गुवा, बड़ाजामदा, नोवामुंडी, डांगोवापोसी, केंदपोसी और चाईबासा के बीच पैसेंजर ट्रेनों से रोजमर्रा का व्यापार करते थे, अब ट्रेनों की अनियमितता के कारण आर्थिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं। इससे क्षेत्र में बेरोजगारी की स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है।

प्रतिनिधियों ने कहा कि रेलवे के प्रति जनता का विश्वास लगातार टूट रहा है, जो चिंताजनक है।

बैठक में सूरज मुखी, ललित बोबोंगा, गुलजार अंसारी, शिवचरण बनरा, राजू बोबोंगा, क्रांति तिरया, सागर पान, सरोज सिंकू, कमल किशोर गोप, गगन पूर्ति, बादल बेहरा सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।

सभी ने एक सुर में मांग की कि रेलवे विभाग इस समस्या का शीघ्र समाधान करे, ताकि आम जनता को राहत मिल सके।

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