प्रवासी पक्षियों से गुलजार खंडोली पर्यटन स्थल,प्राकृतिक सौंदर्य सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है*
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:गिरीडीह जिले का मशहूर पर्यटन स्थल खंडोली प्रवासी पक्षियों से गुलजार होने लगा है। हर साल शरद ऋतु का आरंभ होते ही सैंकड़ो मील की दूरी तय कर ये प्रवासी पक्षी खंडोली जलाशय पहुंचते हैं।पूरे जाड़े के मौसम तक खंडोली ही इनका आशियाना होता है।यहां का प्राकृतिक सौंदर्य सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है, खंडोली जलाशय में मेहमान परिंदों की अठखेलियां पर्यटकों को अपनी तरफ खींचती हैं। शरद ऋतु शुरू होते ही यहां पर्यटकों का आना शुरू हो जाता है। लोग यहां की मनोरम वादियों का भरपूर लुत्फ उठाते हैं।
गिरीडीह शहर से उत्तर-पूर्व आठ किलोमीटर की दूरी पर करीब 6300 एकड़ में फैला खंडोली जलाशय पक्षियों की विविधता के लिए भी जाना जाता है. डॉ. सत्यप्रकाश, डॉ. गौतम व अमित जैन बताते हैं कि खंडोली जलाशय में आने वाले प्रवासी पक्षियों में साइबेरियन डक और उनकी अलग-अलग प्रजातियां शामिल हैं। फेरुजीनस डक, ओरिएंटल डाटर, ब्लैक हेडेड ब्रूज, आइबिस लेजर एडजुटेंट, कॉमन पोचार्ड, ऑस्प्रे और वेस्टर्न मास हैरियर आदि शमिल हैं। अत्यधिक ठंड वाले स्थानों से ये प्रवासी पक्षी हिमालय पार कर हजारों मील का सफर तय कर भारत के अलग अलग हिस्सों में पहुंचते हैं।जिनमें से खंडोली जलाशय भी एक है।बताया जाता है कि अत्यधिक ठंड पड़ने वाले देशों से पक्षी भोजन की तलाश में हजारों मील का सफर तय कर यहां पहुंचते हैं।शरद ऋतु सामाप्त होते ही ये मेहमान परिंदे वापस अपने वतन लौट जाते हैं। दिसंबर से फरवरी माह तक इन परिंदों की किलकारियां खंडोली जलाशय में गूंजती रहती है।















