सफाई व्यवस्था पर गंभीर चिंता जताते हुए उपायुक्त को भेजा गया पत्र, प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत राशि के सदुपयोग की जांच की मांग*
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:चाईबासा में भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा जाति मोर्चा के प्रदेश मंत्री हेमन्त कुमार केशरी ने चाईबासा नगर की गंदी स्थिति और सफाई व्यवस्था में लापरवाही को लेकर पश्चिम सिंहभूम के उपायुक्त को एक पत्र भेजा है। पत्र में उन्होंने चाईबासा नगर के जुलूस मार्गों की सफाई और शहर के प्रमुख क्षेत्रों की सफाई के संबंध में उठाए गए मुद्दों पर गंभीर चिंता जताई है।

हेमन्त कुमार केशरी ने 26 मार्च को नगर निगम से शहर की समुचित सफाई करने और जुलूस मार्गों की मरम्मत करने का अनुरोध किया था, लेकिन अब तक इन कार्यों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि विशेष रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित जुलूस मार्ग को अब तक पूरी तरह से नहीं बनाया गया है, जिसके कारण उरांव समाज को मजबूरी में सरहुल शोभा यात्रा निकालने में असुविधा का सामना करना पड़ा।

इसके अलावा, उन्होंने चाईबासा शहर के मंगला बाजार, मधु बाजार और संध्या सब्जी बाजार के आसपास की गंदगी और कूड़े कचरों के ढेरों की सफाई नहीं होने की शिकायत की। मंगला बाजार में जमे कूड़े से फैल रही बदबू और गंदगी के कारण शहरवासियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है, और व्यापारी वर्ग भी महामारी फैलने के डर से चिंतित है।

पत्र में हेमन्त कुमार केशरी ने यह भी आरोप लगाया कि नगर परिषद केवल टैक्स वसूलने तक ही सीमित है और सफाई कार्यों में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि नगर निकाय चुनाव न होने के कारण नगर परिषद के कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों का ठीक से निर्वहन नहीं कर रहे हैं, और लाखों रुपये नगर सफाई के नाम पर खर्च किए जा रहे हैं।

उन्होंने अपने पत्र में प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन से मिलने वाली राशि के उचित उपयोग की जांच की मांग की है। उनका कहना था कि यदि नगर परिषद को इस मिशन के तहत राशि दी गई है, तो उसके खर्च की जांच करवाई जाए और इस संबंध में रिपोर्ट की एक प्रति उन्हें भी उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी इस मांग को नजरअंदाज किया गया, तो उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय तक इस मुद्दे को उठाने के लिए पत्राचार करने की आवश्यकता पड़ेगी।
हेमन्त कुमार केशरी ने पत्र में चाईबासा शहर की सफाई की स्थिति को ‘गंदगी से भरा हुआ’ और ‘नारकीय’ बताया, और नगर परिषद के कार्यप्रणाली को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने पत्र में कुछ तस्वीरों की भी प्रतियां संलग्न की हैं, जो चाईबासा नगर की गंदगी और सफाई व्यवस्था की वास्तविक स्थिति को दर्शाती हैं।

यह पत्र चाईबासा नगर की सफाई व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है, और नगर निगम को अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के लिए जागरूक किया जा सकता है।















