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साढ़े तीन करोड़ झारखंडवासियों को निराश करने वाला दिशाहीन बजट, हेमंत सरकार से उम्मीद करना अब बेईमानी: भाजपा जिलाध्यक्ष सुधांशु ओझा

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड। झारखंड की हेमंत सरकार द्वारा पेश किए गए वित्त वर्ष 2025-26 के बजट को मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने पूरी तरह से दिशाहीन और निराशाजनक बताया है। वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर द्वारा सोमवार को पेश किए गए बजट को भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने झारखंड के युवाओं, किसानों, अनुबंधकर्मियों और बुजुर्गों के साथ विश्वासघात करार दिया। सुधांशु ओझा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि युवाओं को नौकरियां, रोजगार देने, अनुबंधकर्मियों को स्थायी करने, किसानों से ₹3200 प्रति क्विंटल धान खरीदने, बुजुर्गों, विधवाओं और विकलांगों की पेंशन ₹2500 करने, ग्रीन राशन कार्डधारियों को राहत देने और ₹450 में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने, नियोजन नीति जैसे किसी भी वादे को पूरा करने का कोई प्रावधान बजट में नहीं किया गया,

जिससे यह स्पष्ट है कि यह अबुआ बजट नहीं बल्कि बबुआ बजट है। जिलाध्यक्ष सुधांशु ओझा ने कहा कि यह सरकार चुनाव जीतने के लिए केवल घोषणाएं करती है, लेकिन जब काम करने की बारी आती है तो उन सबसे पीछे हट जाती है। कहा कि झारखंड की निराश हो चुकी जनता को अब इस अकर्मण्य सरकार से कोई उम्मीद नहीं रह गई है। हेमंत सरकार 2.0 के इस प्रथम बजट से जनता को काफी उम्मीदें थी लेकिन इस दिशाहीन व निराशाजनक बजट से गरीब, किसान, युवाओं, आदिवासियों और महिलाओं के साथ सभी वर्गों को घोर निराशा हुई है।

 

निराश और हताश करने वाला बजट, युवाओं को एक बार फिर मिला धोखा: प्रेम झा

 

वहीं, भाजपा जमशेदपुर महानगर के जिला मीडिया प्रभारी प्रेम झा ने झारखंड सरकार के बजट को निराश और हताश करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार का यह बजट पूरी तरह से झूठ, छलावे और युवाओं के साथ धोखा है, जिसमें 10 लाख युवाओं को नौकरी देने एवं परीक्षा की तैयारी के लिए प्रोत्साहन राशि देने का वादा हवा में उड़ गया। बजट में न तो रोजगार सृजन की कोई एक कार्य योजना दिखी और न ही युवाओं के भविष्य को लेकर सरकार की कोई गंभीरता दिखाई दी।

ग्रीन राशन कार्डधारियों को हर महीने 7 किलो चावल और 2 किलो दाल देने का वादा भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र के एक भी वादे को पूरा करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। यह बजट जनता के राहत के लिए नहीं, बल्कि विश्वासघात और धोखेबाजी का दस्तावेज है। यह दुर्भाग्यपूर्ण और दुःखद है कि प्रदेश के युवाओं को एक बार फिरसे धोखा ही नसीब हुआ है।

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