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उपायुक्त पश्चिमी सिंहभूम के खिलाफ ‘हो’ समाज की जन आक्रोश रैली, राज्यपाल से हटाने की मां

 

चाईबासा। पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था में हस्तक्षेप और मानकी-मुण्डा प्रणाली को कमजोर करने के आरोप में मंगलवार को ‘हो’ समाज महासभा और उसकी अनुषंगी इकाइयों ने हजारों की संख्या में जन आक्रोश रैली निकाली। सुबह 10 बजे खुटा खुटी मैदान से शुरू हुई यह रैली आयुक्त कार्यालय तक पहुंची, जहां समाज के प्रतिनिधियों ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त चंदन कुमार को पद से हटाने की मांग की।

रैली का आयोजन मुंडा मानकी-हाइकु साथी समिति (कोल्हान) की ओर से किया गया था। समाज के नेताओं ने कहा कि उपायुक्त द्वारा पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था में लगातार हस्तक्षेप किया जा रहा है और मानकी-मुण्डा तथा डाकुवा जैसे संवैधानिक पदों के अधिकारों को कमज़ोर करने की कोशिश की जा रही है। इसे आदिवासी अस्मिता और अधिकारों पर सीधा हमला बताते हुए नेताओं ने साफ कहा कि यदि ऐसी कार्रवाइयों पर रोक नहीं लगी तो संघर्ष और तेज होगा।

 

रैली में महासभा केंद्रीय समिति के उपाध्यक्ष बामिया बारी, संयुक्त सचिव छोटेलाल तामसोय, कोषाध्यक्ष चैतन्य कुंकल, युवा महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इपिल सामड, महासचिव गब्बरसिंह हेम्ब्रम, संयुक्त सचिव रवि बिरूली, महिला महासभा की अध्यक्ष अंजु सामड, उपाध्यक्ष नागेश्वरी जारिका, सचिव विमला हेम्ब्रम, कोषाध्यक्ष इंदुमति हेम्ब्रम, प्रदेश कोषाध्यक्ष शंकर सिदु, जिलाध्यक्ष शेरसिंह बिरूवा, छात्र संघ चाईबासा के सदस्य, झामुमो कमेटी के पदाधिकारी और जिला परिषद सदस्य माधव चंद्र कुंकल सहित बड़ी संख्या में समाज के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

रैली में शामिल लोगों ने अपने पारंपरिक हथियार तीर-धनुष, तख्ती और बैनर लेकर उपायुक्त के खिलाफ नारेबाजी की। समाज के नेताओं ने कहा कि यह आंदोलन किसी राजनीतिक उद्देश्य से नहीं, बल्कि आदिवासी स्वशासन प्रणाली की रक्षा और मानकी-मुण्डा व्यवस्था को संरक्षित रखने के लिए है। उन्होंने एक स्वर में चेतावनी दी कि आदिवासी समाज की पारंपरिक व्यवस्थाओं को कमजोर करने की किसी भी कोशिश का कड़ा प्रतिरोध किया जाएगा। रैली में युवाओं और महिलाओं की भी बड़ी संख्या में भागीदारी रही, जिससे आंदोलन को जनांदोलन का स्वरूप मिला।

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