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आदिवासी उरांव समाज ने किया लाइब्रेरी मैन संजय कच्छप का सम्मान

संजय कुमार सिंह

झारखंड:चाईबासा में आदिवासी उरांव समाज के लिए प्रेरणास्रोत बने “लाइब्रेरीमैन” संजय कच्छप का आदिवासी उराँव समाज संघ चाईबासा के अध्यक्ष सचिव के नेतृत्व में चाईबासा स्थित पुलहातु सामुदायिक भवन में पुष्पगुच्छ व मिष्ठान के साथ अभिनंदन किया गया। मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कार्यक्रम “मन की बात” की 100 वीं कड़ी के इस भव्य कार्यक्रम में “लाइब्रेरीमैन” संजय कच्छप को आमंत्रित किया गया। वे दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए और उनका वहां सम्मान किया गया, तत्पश्चात झारखंड के महामहिम राज्यपाल जी के द्वारा उन्हें आमंत्रित किया गया और उनका (संजय कच्छप) के द्वारा किए गए कार्यों (झारखंड के विभिन्न शहरों, गांव, कस्बों में 50 से अधिक पुस्तकालय का निर्माण) की प्रशंसा करते हुए महामहिम राज्यपाल जी के द्वारा उनका अभिनंदन व सम्मान किया गया। इस उपलब्धि को समाज की उपलब्धि जोड़ते हुए आदिवासी उरांव समाज के द्वारा “लाइब्रेरीमैन” संजय कच्छप का सम्मान किया गया।

मौके पर अध्यक्ष संचु तिर्की ने कहा कि सचमुच आज हम सबके लिए बहुत ही गौरव का दिन है कि आज हम अपने ही समाज के एक ऐसे व्यक्तित्व को सम्मान कर रहे हैं, उनका अभिनंदन कर रहे हैं, जो आज के इस परिवेश में शिक्षा के प्रति अपना योगदान दे रहे हैं, यह सचमुच हमसभों के लिए बड़ा ही गौरव की बात है। आगे संबोधित करते हुए सचिव अनिल लाकड़ा ने कहा कि हमारा उराँव समाज का इतिहास बहुत ही योगदान पूर्वक रहा है, हम लोगों ने हमेशा से ही समाज देश के लिए योगदान देते आए हैं, ऐसे में इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए आज संजय कच्छप ने जो कार्य किया है, खासकर गरीब असहाय आदिवासी बच्चों को पठन-पाठन की रूचि पैदा करने एवं उन्हें हर संभव किताबों की कमी को दूर करने का सार्थक प्रयास यह बताता है कि यह और अशिक्षा जैसी अंधकार को मिटाने का इनका सार्थक प्रयास आगे देश समाज को एक नई दिशा देगा। सलाहकार समिति से जुड़े सहदेव किस्पोट्टा ने श्री कच्छप की प्रशंसा करते हुए कहा कि हम सबों को खास करके आज के युवाओं को संजय जी से प्रेरणा लेनी चाहिए कि हम अपने योगिता के अनुसार समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने हेतु अपना अपना योगदान दे सकते हैं। मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि हमारे ही समाज से जुड़े लालू कुजूर जी जो हमेशा मरीजों के रक्त की कमी को दूर करने के लिए प्रयासरत रहते हैं, चाहे वह दिन हो, रात हो, सुबह हो या शाम हो, यह बतलाता है कि हम सभी एक दूसरे के पूरक है, और हम सब को एक दूसरे से प्रेरणा लेना चाहिए।

मैं संजय जी की इस कार्यों की भूरी भूरी प्रशंसा करता हूं, और साथ ही हमारे समाज से जुड़े युवाओं से से विशेष निवेदन करता हूं कि आप लोग भी इस तरह के कार्यों से प्रेरणा लेते हुए देश समाज के लिए सोचे और अपना योगदान दें। मौके पर बान टोला के मुखिया सह “ब्लडमैन” लालू कुजुर ने कहा कि आज मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मैं एक ऐसे समाज से जुड़ा हूं, जिसकी प्रशंसा देश के प्रधानमंत्री राज्य के राज्यपाल कर रहे हैं, और हमें गर्व है कि संजय जी हमारे समाज से जुड़े हैं, जो हमेशा अशिक्षित बच्चों को शिक्षित करने का सार्थक प्रयास कर रहे हैं। मैं इनसे ही प्रेरणा लेते हुए अपना छोटा सा योगदान मरीजों की रक्त की कमी को दूर करने का प्रयास कर रहा हूं, मुझे विश्वास है कि समाज और हमारे युवा साथी का सहयोग हम सबों को मिलेगा और हम लोग मिलजुलकर देश समाज के विकास में अपना अपना शत-प्रतिशत योगदान देंगे। कार्यक्रम में सम्मान पाकर संजय कच्छप ने कहा कि आज मैं जो भी कुछ हूं सब आप समाज के द्वारा दी गई प्रेरणा, आशीर्वाद, मार्गदर्शन, प्यार, स्नहे का ही परिणाम है। आज मैं जो कुछ भी कर पा रहा हूं अपने अभिभावक माता पिता के आशीर्वाद से ही कर पा रहा हूं, इसलिए मेरी श्रद्धा सुमन अपने अभिभावक के प्रति है समाज के प्रति है। मैं आज के इस कार्यक्रम के माध्यम से हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री जी को विशेष रूप से धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मेरे इस काम को सराहा और अपने कार्यक्रम मन की बात के माध्यम से दो-दो बार मेरा नाम लिया, इससे मेरी जिम्मेवारी और भी बढ़ गई है। मैं आप सभी महानुभव गण और युवा साथियों के सहयोग से अपने कार्य के प्रति सचेत रहूंगा, आगे और बढ़ चढ़कर अपनी जिम्मेवारी को लूंगा। मैं खास करके अपने युवा साथियों से विशेष अनुरोध करता हूं कि पुस्तकालय को भी अपना एक अच्छा मित्र माने, अपने साथ शिक्षा से वंचित देश के भविष्य बच्चे बच्चियों को जोड़ें। आज भी समाज में व्याप्त संभावनाएं हैं, जरूरत है कि हमारे युवा साथी आगे बढ़े और अपने सभी अभिभावक गणों का सम्मान करते हुए उनके मार्गदर्शन में अपना अपना योगदान दें। आज के इस सम्मान समारोह में समाज बाबूलाल बरहा, लक्ष्मण बरहा, मंगल खलखो, दुर्गा खलखो, गणेश कच्छप, सुबीर लकड़ा, पंकज खलखो, संजय नीमा, सुमित बरहा, शंकर कच्छप, संजय तिग्गा, सचिन कुमार, सागर कोया आदि काफी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे l

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