रूस निर्मित मिग 21 विमान के पूरे बेड़े की उड़ान पर लगा रोक
न्यूज़ लहर संवाददाता
नई दिल्ली : भारतीय वायु सेना ने लगातार हादसे का शिकार हो रहे रूस निर्मित मिग 21 विमान के पूरे बेड़े की उड़ान पर फिलहाल रोक लगाने का फैसला किया है। अब तक 400 मिग -21 विमान हादसे का शिकार हो चुके हैं।भारतीय वायुसेना में केवल तीन मिग -21 स्क्वाड्रन काम कर रहे हैं।
हाल में राजस्थान में एक मिग 21 विमान क्रैश हो गया था, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। इसकी जांच रिपोर्ट आने तक ये रोक लगाई गई है, ताकि भविष्य में होनेवाले हादसों पर रोक लगाई जा सके। 8 मई को राजस्थान में मिग-21 फाइटर जेट एक नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर था, तभी ये क्रैश कर गया। भारतीय वायु सेना के मुताबिक जांच अब भी चल रही है और तब तक विमान के तीनों स्क्वाड्रन उड़ान नहीं भरेंगे।
मिग-21 का बेड़ा
मिग वैरिएंट के पहले बेड़े को 1963 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था और भारत ने बाद के दशकों में 700 से अधिक मिग-वैरिएंट के विमान खरीदे थे। उसके बाद से अभी तक 400 मिग -21 विमान हादसे का शिकार हो चुके हैं। भारतीय वायुसेना में केवल तीन मिग -21 स्क्वाड्रन काम कर रहे हैं और उन सभी को 2025 की शुरुआत में चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा।
वायुसेना की मौजूदा ताकत
इस समय भारतीय वायुसेना के पास मिग-21 की तीन स्क्वॉड्रन हैं। बता दें कि एक स्क्वॉड्रन में 16 से 18 विमान होते हैं। इस तरह कुल मिलाकर वायुसेना के पास लगभग 50 मिग-21 विमान हैं। वायुसेना से तीन साल में मिग-21 की स्क्वॉड्रन को पूरी तरह फेजआउट कर दिया जाएगा। भारतीय वायुसेना विमानों की कमी से जूझ रही है। चीन और पाकिस्तान से मुकाबला करने के लिए वायुसेना को 42 स्क्वॉड्रन की जरूरत है। लेकिन अभी लगभग 32 स्क्वॉड्रन ही हैं। 2004 में भारतीय वायुसेना के पास जहां 40 स्क्वाड्रन थे, वहीं 2015 तक इनकी संख्या घटकर 33 हो गई।