Politics

मामला बजरंग दल बैन का कांग्रेस 70 साल पहले फैसला लिया होता, तो मुल्क बर्बाद नहीं होता,जमीयत उलेमा ए हिंद

 

न्यूज़ लहर संवाददाता
नई दिल्ली : जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के बयान,अगर कांग्रेस ने यह फैसला 70 साल पहले लिया होता, तो मुल्क बर्बाद नहीं होता। एक बार फिर से नए विवाद को जन्म दे दिया है राजनीतिक गलियारे में उसे विश्व हिंदू परिषद ने बड़ा मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है।

बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे को लेकर अब विश्व हिंदू परिषद और जमीयत उलेमा ए हिंद आमने-सामने आ गए हैं। जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के बयान पर तीखा पलटवार करते हुए विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, फिरकापरस्त जमात जमीयत के सरगना, जिसे, उनकी अपनी कौम ही नकार चुकी हो, वे मौलाना अरशद मदनी राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं। बंसल ने कहा कि बजरंग दल पर कीचड़ उछालते-उछालते मौलाना मदनी खुद ही गहरी दलदल में फंस गए। जो बजरंग दल 29 साल पहले बना था, उस पर मदनी 70 साल पहले बैन लगाने की बात कह रहे हैं।
उन्होंने 70 साल पहले की गलती को लेकर मदनी द्वारा दिए गए बयान को जबान फिसलने की संज्ञा देते हुए कहा कि वे नाम भले ही बजरंग दल का ले रहे थे लेकिन वास्तव में उनके बयान ने कांग्रेस और मुस्लिम लीग की गलतियों को उजागर करने का काम कर दिया।
विहिप प्रवक्ता ने कहा कि 70 साल पहले कांग्रेस द्वारा की गई गलती, अगर उसी समय सुधार ली होती तो आज ये कट्टरपंथी और जेहादी तत्व भारत के अंदर नहीं होते या फिर वो भारत में रहते हुए भारतीयता के रंग में घुल-मिल गए होते।
इसके साथ ही उन्होंने जमीयत पर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि वलीउल्लाह जैसे घोषित एवं दुर्दांत आतंकियों और देशद्रोहियों को आर्थिक व कानूनी मदद देकर उन्हें पालने वाले बजरंग दल जैसे राष्ट्रवादी संगठन पर सवाल उठा रहे हैं। देश इनके मंसूबों को बखूबी जानता है।बजरंग दल पर बैन लगाने का वादा कर भले ही कांग्रेस ने कर्नाटक की चुनावी लड़ाई को जीत लिया हो, लेकिन यह मुद्दा अब थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है।

Related Posts