मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों का राज्य स्तरीय कन्वेंशन संपन्न 9 अगस्त को धनबाद और 10 अगस्त को रांची में मजदूरों का महापड़ाव
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:केंद्र सरकार की मजदूर किसान विरोधी और राष्ट्रविरोधी विनाशकारी नीतियों के खिलाफ तथा जनपक्षीय वैकल्पिक नीतियों के लिए सीटू , एटक, इंटक, एचएमएस, एक्टू, एआईयुटीयूसी, टीयूसीसी, यूटीयूसी समेत विभिन्न श्रमिक फेडरेशनो ट्रेड का संयुक्त राज्य स्तरीय कन्वेंशन सीएमपीडीआई के मयूरी हॉल रांची में संपन्न हुआ।कार्यक्रम की अध्यक्षता पी के गांगुली, मिथिलेश सिंह, लीलाधर सिंह ने संयुक्त रूप से की।जबकि संचालन अशोक यादव ने किया। कन्वेंशन का उदघाटन शुभेन्दु सेन ने किया, जबकि कंवेंशन का घोषणा पत्र सीटू के राज्य महासचिव विश्वजीत देव ने पेश किया। कन्वेंशन को एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेन्द्र कुमार, सीटू के राष्ट्रीय सचिव डी डी रामानंद, राज्य उपाध्यक्ष प्रकाश विप्लव, विद्यासागर गिरी, महेश कुमार सिंह, रमेश कुमार सिंह, बैजनाथ मिस्त्री, सोनिया देवी, भवन सिहं, आर पी सिंह, संजय पासवान, अनिर्बान बोस, गिरीश चौहान, भूनेश्वर केवट, रामश्रय सिंह समेत विभिन्न ट्रेड यूनियन नेताओं ने सम्बोधित किया। कंवेंशन को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि आज जनता के साथ साथ हमारे देश की स्थिति काफी चिंताजनक एवं गंभीर है। जिसके लिए केन्द्र की भाजपानीत मोदी सरकार की नीतियां जिम्मेदार है। जो न केवल मजदूर विरोधी, किसान विरोधी और जनविरोधी है, बल्कि राष्ट्र विरोधी भी है। ये नीतियां न केवल हमारी अर्थव्यवस्था बल्कि हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए भी विनाशकारी साबित हुई है।देश में बेरोजगारी प्रचंड रूप ले चूकी है। स्थायी नौकरी की जगह अनुबंध, ठेका और आउटसोर्सिंग लाया जा रहा है, जहां मजदूरों का शोषण जारी है। नौकरी की सुरक्षा नहीं है। महंगाई से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है।मौजूदा श्रम कानूनों को कमजोर कर कॉरपोरेट परस्त मालिक पक्षीय चार लेबर कोड लाया गया है। केंद्र सरकार बड़ी तेजी से देश की राष्ट्रीय संपत्ति, सार्वजनिक उपक्रमों, वित्तीय संस्थानों का निजीकरण कर रही है।राष्ट्रीय मौद्रिक पाइपलाइन के माध्यम से राष्ट्रीय सम्पत्तियों को कॉरपोरेट घरानों को औने पौने दामों में बेचा जा रहा है। पूंजीपतियों के टैक्स माफ किए जा रहे हैं और लाखों करोड़ों का कर्जा माफ किया जा रहा है। गरीबों और मजदूरों पर लगातार बोझ डाला जा रहा है। इसके खिलाफ और श्रम कानूनों में दिए गए अधिकारों की रक्षा, रिक्त पदों पर बहाली सहित अन्य मांगों को लेकर हमें मजदूरों को लामबंद कर संडकों पर उतारने का काम करना होगा। हमे मजदूरों को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करने वाली ताकतों से भी सचेत रहने के लिए अभियान चलाना होगा।
कन्वेंशन में कई प्रस्ताव पारित किए गए, जिसमें ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर उनकी मांगों के समर्थन में भारत छोड़ो दिवस पर 9 अगस्त को धनबाद और 10 अगस्त को रांची में मजदूर कर्मचारियों का महापड़ाव का आयोजन किया जाएगा।जिसमें राज्य भर से हजारों मजदूर शामिल होंगे। जिसके लिए जून महीने में बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद, रामगढ़, कोडरमा, दुमका एवं डालटेनगंज में क्षेत्रीय कन्वेंशन का आयोजन करने और जुलाई माह में पदयात्रा, जीप जत्थे, बाइक रैली, नुक्कड़ सभा के माध्यम से प्रचार प्रसार और जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा।
एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेंद्र कुमार के समापन वक्तव्य के साथ कंवेंशन समाप्त हुआ।