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हेमंत सोरेन के साथ हमारा भाई का रिश्ता है, अरविंद केजरीवाल…… जेएमएम और आप आन्दोलन से निकली पार्टी है, एक और आन्दोलन की आवश्यकता है

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: राजधानी रांची में समर्थन प्राप्त करने के लिए देश के विभिन्न राज्यों से भ्रमण करते हुए शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। उसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संयुक्त रूप से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि चुनी हुई सरकार को जिस तरह से अधिकार विहीन किया जा रहा है, यह एक नई परंपरा की शुरुआत हो रही है। और देश की अनेकता में एकता पर एक बड़ा प्रहार है।
संघीय ढांचे की बात केंद्र सरकार करती है, लेकिन कार्य उसके विपरीत होते हैं। जो केंद्र के सहयोगी सरकार नहीं है राज्यों में उनके साथ ऐसा ही व्यवहार हो रहा है। अभी कुछ दिन पहले देश के लोकतंत्र के मंदिर लोकसभा का उद्घाटन हुआ, लेकिन उसी मंदिर के चंद दूरी पर कई और घटनाएं भी घटी तो यह सिर्फ गैर भाजपा सरकारों पर प्रहार नहीं है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हेमंत सोरेन का शुक्रिया अदा किया है कि उन्होंने बहुत ही गर्मजोशी से स्वागत किया। केजरीवाल ने कहा, हेमंत सोरेन के साथ हमारा भाई का रिश्ता है, आपस में हम लोगों ने कई विषयों पर चर्चा की है। दिल्ली की जनता के साथ अन्याय हुआ है और उसके हक छीन लिए गए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की सरकार को सारी शक्तियां प्रदान की है।
लेकिन 19 मई को सरकार ने अध्यादेश लाकर इस फैसले को पलट दिया, यह दिल्ली के लोगों का अपमान हुआ और दिल्ली के दो करोड़ लोगों को बेदखल कर दिया गया। अगर राज्यसभा में सभी गैर भाजपा सदस्य एकजुट हो जाएं तो राज्यसभा में बीजेपी को हराया जा सकता है। क्योंकि फिर यह किसी भी राज्य के साथ ऐसा कर सकते हैं और उनके अधिकार छीन सकते हैं। आज हेमंत जी से चर्चा हुई और लंबी बातचीत हुई और उन्होंने पूरी तरह से समर्थन का वादा किया है और मैं दिल्ली की जनता की ओर से हेमंत जी को धन्यवाद देता हूं।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि कोई हम कोई व्यक्तिगत समस्या लेकर नहीं आए हैं, यह लोकतंत्र की जो हत्या हो रही है, देश में उसको बचाने की मुहिम है। पिछले दिनों हमने देखा था कि हमारे पहलवान अपने जीते हुए मंडल को गंगा जी में बहाने के लिए हरिद्वार गए थे। अगर इस पर कोई समाधान नहीं निकला तो अगली बार वे अपनी अस्थियां विसर्जित करने जाएंगे। झारखंड मुक्ति मोर्चा और आम आदमी पार्टी दोनों ही आंदोलन से निकली हुई पार्टी है तो हमें एक और आंदोलन की जरूरत है।

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