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ओडिशा ट्रेन दुर्घटना का प्राथमिकी जांच में हुआ खुलासा…… गलत सिंग्नल के कारणा कोरोमंडल एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकराई , दुनिया भर के समाचारों का बना हैडलाइन, पूरे विश्व से शोक संवेदना जताई जा रही, प्रधानमंत्री पहुंचे घटनास्थल पर,दुर्घटना स्थल का लिया जायजा

न्यूज़ लहर संवाददाता
ओडिशा: बालासोर रेलवे स्टेशन पर एक साथ तीन ट्रेनों के दुर्घटनाग्रस्त होने का प्राथमिक की जांच में खुलासा हुआ है कि गलत सिग्नल के चलते कोरोमंडल एक्सप्रेस मेला गाड़ी से जाकर टकराई है। कोरोमंडल एक्सप्रेस के लिए मेन लाईन के लिए सिंग्नल दिया गया था। लेकिन वह ट्रेन लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से जाकर टकरा गई थी। उसके बाद पीछे से आ रही बेंगलुरु हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन ने टक्कर मार दी। घटना से लगभग 290 यात्रियों की मौत हो चुकी है। जबकि 1000 यात्री जख्मी हुए हैं। जो पूरे विश्व के समाचार पत्रों का हेड लाइन बन गया है। वही पूरे विश्व भर के नेता इस दुखद घटना पर अपनी शोक संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं घटनास्थल पर पहुंचकर पूरे मामले पर संज्ञान लिए है। उन्होंने 20 मिनट तक घटनास्थल पर रहकर अधिकारियों से दुर्घटना संबंधी जानकारी ली है। साथी इस दुर्घटना में जख्मी हुए यात्रियों से अस्पताल में जाकर मुलाकात की है।


ओडिशा में हुए तीन ट्रेनों के टक्कर के बाद प्रधानमंत्री ने संज्ञान लेते हुए शनिवार की दोपहर घटनास्थल पर पहुंच गए। उन्होंने घटनास्थल पर रेलकर्मी और अधिकारियों से पूरे मामले की जानकारी ली। उनके साथ केंद्रीय रेल मंत्री भी मौजूद थे। जानकारी लेने के बाद प्रधानमंत्री घायल यात्रियों से मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे।यहां जख्मी यात्रियों से बात की और भरोसा दिलाया कि वह हर संभव उनकी मदद होगी। वही बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी पहुंची। उन्होंने भी घटनास्थल का दौरा किया और कहा कि दुर्घटना के पीछे कुछ बड़ी साजिश है। जिसकी जांच होनी चाहिए। जबकि ओड़िशा के मुख्यमंत्री शनिवार की सुबह ही पहुंचकर राहत कार्य और घायलों की मदद में लग गए। इस तरह विभिन्न दलों के नेता इस दुर्घटना में अपनी सहयोग पहुंचाने में लगे रहे। जबकि स्थानीय लोगों ने देवदूत बनकर घायलों की मदद की। 2000 लोगों ने स्वयं पहुंचकर विभिन्न अस्पतालों में अपना रक्तदान किया। जो अपने आप में अनोखा मिसाल देखने को मिला।यहां अनेकता में एकता का बेहतर उदाहरण दिखा। इस घटना के दौरान लोगों ने ना जाति पूछी, ना धर्म, बस मदद करते गए। जो अद्भुत और अनोखा था। वही ओडिशा और तेलंगाना में राजकीय शोक की घोषणा भी की गई है। केंद्रीय रेल मंत्री ने प्रेस को बताया है कि हमारा पहला प्रयास होगा कि बचाव और राहत कार्य को पूरा किया जाए। उसके बाद इस दुर्घटना की बारीकी से जांच होगी। प्रथम दृष्टि में पता चला है कि कोरोना मंडल एक्सप्रेस के लिए मेल लाइन पर जाने का सिग्नल दिया गया था। लेकिन लूप लाइन पर वह ट्रेन चली गई।सिंगल कैसे बदला? क्या तकनीकी खराबी थी? जिसके कारण कोरोना मंडल एक्सप्रेस मालगाड़ी से जाकर टकरा गई। उसके पीछे आ रही एक और ट्रेन भी टकराई है।यह सब जांच का विषय है। पहले लोगों की जान बचाई जाए।उनकी मदद की जाए। उसके बाद सिलसिलेवार तरीके से एक-एक पहलू पर जांच होगी।

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