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नशा मुक्ति अभियान की सफलता अकेले सिर्फ एक संगठन की जिम्मेदारी नहीं है, इसके लिए समाज के सभी सदस्यों के सामूहिक प्रयास व सहयोग करने की आवश्यकता है, राज्यपाल

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा है कि नशाखोरी आधुनिक समाज की सबसे ज्वलंत समस्याओं में से एक है। कई मायनों में यह लाईलाज बीमारियों से भी अधिक खतरनाक है। नशीली दवाओं के सेवन से उनका जीवन तो बर्बाद होते ही हैं, उनके परिवार को भी बहुत पीड़ा का सामना करना पड़ता है। राज्यपाल आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा हरमू रोड, राँची स्थित कार्यालय में आयोजित “नशा मुक्ति अभियान” के अवसर लोगों को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि मादक द्रव्यों का सेवन एक गंभीर मुद्दा है जिसने हमारे समाज को बहुत लंबे समय तक त्रस्त रखा है। इससे अनगिनत लोगों की जान गई है, व्यक्तियों, परिवारों और समाज को अपूरणीय क्षति हुई है। उन्होंने “नशा मुक्ति अभियान” के आयोजन लिए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय को बधाई देते हुए कहा कि नशीले पदार्थों के सेवन व इसके दुष्परिणामों के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन सराहनीय है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा भी 5 सूत्री कार्यक्रम के तहत, जिसमें नशीले पदार्थों का उन्मूलन शामिल था, 93 दिनों तक लगातार 19000 किलोमीटर की ‘रथ यात्रा’ निकाली गई थी।
माननीय राज्यपाल ने कहा कि विडम्बना है कि कुछ लोग जानकारी के अभाव में नशीली दवाओं के दुरुपयोग में संलिप्त हो जाते हैं। स्वार्थी लोगों द्वारा अपने गलत उद्देश्यों की पूर्ति के लिए मासूमों को नशीली दवा दी जाती है, ऐसे कई उदाहरण भी सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति अभियान की सफलता अकेले सिर्फ एक संगठन की जिम्मेदारी नहीं है, इसके लिए समाज के सभी सदस्यों को सामूहिक प्रयास व सहयोग करने की आवश्यकता है। हम सामूहिक रूप से प्रयास कर एक सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं और नशामुक्त समाज का निर्माण कर सकते हैं।

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