एक साइबर ठग पुलिस से बचने के लिए बन गया पत्रकार, न्यूज़ के बहाने बनाया ग्रुप,अब अपने ठग साथियों को लोगों के डाटा की दे रहा जानकारी, पुलिस है मौन
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला में एक साइबर ठग पुलिस से बचने के लिए पत्रकार बन बैठा है। वह न्यूज़ के बहाने ग्रुप बना रखा है। बताया जा रहा है कि इस ग्रुप से जुड़े अन्य सदस्यों के डाटा का संग्रह कर अपने ठग साथियों तक पहुंचा रहा है।
इसके बाद भी पुलिस ठग को पत्रकार समझ कर कार्रवाई करने से बच रही है। जबकि वह ठगी के जगह न्यूज़ के नाम पर लोगों से ब्लैक मेलिंग कर उगाही करने में लग गया है।वही ग्रुप से जुड़े लोग ठग रूपी पत्रकार के काले कारनामे से अनजान हैं। ऐसा समझा जाता है कि वह डाटा कलेक्ट करने के बाद ग्रुप के सदस्यों की कमजोरी का पता लगाकर ब्लैकमेल का शिकार बनाने लगा है। इस संबंध में कुछ लोगों ने हाल-फिलहाल के कुछ महीनों में ब्लैक मेलिंग से संबंधित विभिन्न थानों में मुकदमे दर्ज कराएं हैं।
इसके बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं होना, रहस्य के दायरे में है।
जो जांच का विषय है।
घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि 14 जनवरी 2019 को एमजीएम थाना में ओंकार सिंह, और अविनाश शर्मा ,श्रीकांत सिंह, देव रत्ती चौधरी ,सुबोध, अभिषेक, अभिनव और छोटू के विरुद्ध धारा 420 ,467 468, 471 भादवी एवं 66(c)(d) आईपीसी एक्ट के अंतर्गत संज्ञेय अपराध का मामला दर्ज किया गया है।
अब हम आपको बताते हैं कि सिदगोडा थाना क्षेत्र एग्रीको, विजय नगर निवासी शंकर शर्मा के पुत्र अविनाश शर्मा साइबर ठग के रूप में पहचाने गए हैं। अब यह पुलिस से बचने के लिए पत्रकार बन बैठे हैं।इनका एक नया गिरोह है। जिसका मुखिया साकची काशीडीह लाइन नंबर 12 निवासी कुंवर सिंह के पुत्र विनोद सिंह है। जो विभिन्न नामों से फर्जी प्रेस संस्थान चलाते हैं।वे कभी अपने को तहलका का पत्रकार बताते हैं,तो कभी तक्षक पोस्ट , तो कभी स्पाई पोटल का। इसी के आड़ में ठग गिरोह ब्लैकमेलिंग का धंधा चला रहे है।अनेक लोगों ने ब्लैक मेलिंग संबंधित विभिन्न थाना में मामला दर्ज कराया है। इस संबंध में मैं अपने दूसरे रिपोर्ट में खुलासा करूंगा। लेकिन वर्तमान में अविनाश शर्मा और विनोद सिंह ने अपना एक व्हाट्सएप ग्रुप बना रखा है। जिसमें शहर के अनेक गणमान्य लोगों को जोड़ा गया है। सारे गणमान्य लोग इनके काले कारनामों से अनभिज्ञ हैं। इसके अलावा अविनाश शर्मा दूसरे व्हाट्सएप ग्रुप में पत्रकार के रूप में शामिल हो चुके हैं। यहां से ग्रुप के सदस्यों का फोन नंबर और डाटा कलेक्ट किया जाता है। उसमें से कमजोर व्यक्ति को खोजा की जाती है। जिसका अतीत में किसी तरह की ग़लती या कमजोरी हो या उनका कोई व्यवसाय हो। उसमें कमी खोजा जाता है।उस कमी को प्रेस के नाम पर पब्लिश करने की धमकी दी जाती है। अगर सामने वाला डर गया तो,उससे मोटी रकम वसूल कर ली जाती है।अगर नहीं डरा, तो उसे बदनाम करने के लिए फर्जी प्रेस संस्थाओं के नाम से फेसबुक, व्हाट्सएप ग्रुप, सोशल मीडिया, न्यूज़ पोटल में डालकर बदनाम किया जाता है।तब फिर शुरू होता है ब्लैक मेलिंग का धंधा। इस दौरान अविनाश शर्मा, विनोद सिंह सहित पूरे गिरोह के लोग व्यक्ति विशेष की कमियों को लेकर उपायुक्त, एसएसपी, थाना प्रभारी तक पहुंचाते हैं। और उनका प्रयास होता है कि उस व्यक्ति को कैसे भी गिरफ्तार करा कर जेल भेज दिया जाए। असली मकसद को नहीं समझ कर संबंधित व्यक्ति को पुलिस जेल भेज देती है। अब ठग पत्रकारों के गिरोह अपने दूसरे शिकार व्यक्ति को डर दिखाते हैं कि मैंने फलना आदमी को जेल भिजवाया है। अगर आप मेरे मन मुताबिक रुपया नहीं दोगे तो, मैं आपको भी जेल भेजवा दूंगा। आपके संस्थान को बदनाम कर दूंगा।
जानिए अविनाश शर्मा के विरुद्ध कार्रवाई करने वाले पुलिस अधिकारी का बयान
हमारा नाम उपेंद्र कुमार मंडल है। मैं साइबर अपराध थाना जमशेदपुर में पुलिस निरीक्षक के पद पर हूं। आज दिनांक 14 जनवरी 2019 समय रात्रि के 3:00 बजे वास्तु विहार डुप्लेक्स नंबर 9 बालिगुमा थाना एमजीएम जिला पूर्वी सिंहभूम जमशेदपुर में अपना स्वयं लिखित बयान अंकित करता हूं। विशेष शाखा झारखंड रांची के पत्रांक आठ, दिनांक 10 जनवरी 2019 के आलोक में वरीय पुलिस पदाधिकारी को सूचना मिली थी कि वास्तु विहार फ्लैट नंबर 9 बालिगुमा जमशेदपुर में ओंकार सिंह अपना ग्रुप बनाकर साइबर अपराध कर रहा है। वरीय पुलिस पदाधिकारी जमशेदपुर द्वारा श्रीमती जय श्री कुजुर पुलिस उपाध्यक्ष साइबर अपराध के नेतृत्व में श्री कुमार गौरव प्रोफेशनल आईपीएस जमशेदपुर, श्री विजय कुमार महतो पुलिस उपाध्यक्ष पटमदा, श्री अरविंद कुमार थाना प्रभारी एमजीएम, थाना से अ नि अजीत कुमार, कुमार रजक पुलिस निरीक्षक, उपेंद्र कुमार मंडल थाना सशस्त्र बल साइबर थाना का टीम बनाकर छापामारी का निर्देश प्राप्त हुआ आदेशानुसार 14 जनवरी 2019 की रात्रि मैं वास्तु विहार डुप्लेक्स नंबर 9 बालिगुमा में ओंकार सिंह के घर पर पुलिस पदाधिकारी एवं सशस्त्र पुलिस बल के साथ दो संयुक्त गवाह मनीष कुमार सिंह और राजेश कुमार तलाशी ली गई। ओमकार के घर से ऊपरी तल्ला के अलमारी से क्लोनिंग किया हुआ 25 एटीएम कार्ड, एक्सिस बैंक का दो एटीएम कार्ड, आईसीआईसीआई बैंक का विजा कार्ड एवं बिग बाजार का पॉइंट कार्ड, विभिन्न बैंक का 10 चेक बुक, बैंक ऑफ इंडिया का निकासी फार्म, विभिन्न बैंक का 9 पासबुक, वोटर आईडी दो ।जिसमें एक आईडी में आशीष रंजन पिता अशोक रंजन दूसरे में आशीष रंजन पिता रामा रंजन अंकित है। दोनों में फोटो एक ही व्यक्ति का लगा हुआ है। आधार कार्ड एक। सिम कार्ड आईसीआईसीआई बैंक का एटीएम। गुप्त पेपर आर्ट। गोल्डन कलर बास्लेट एक, अंगूठी ,मोबाइल फोन एक, नोकिया का एक, अन्य कंपनी का बरामद हुआ। उक्त सामान के बारे में ओंकार सिंह से पूछने पर बताया कि सामान बहुत से लोगों का एटीएम क्लोनिंग कर रुपया निकालकर खरीदा गया है।
अगले एपिसोड में पढ़ें इन साइबर ठगों की कहानी जारी है। न्यूज़ लहर के पास इन ठग पत्रकारों का लिखित साक्ष्य मौजूद है।जिसे प्रति दिन प्रकाशित किया जाएगा।