हिजाब विवाद में दमोह जिला शिक्षा अधिकारी एसके मिश्रा के चेहरे पर फैंका गया स्याही

न्यूज़ लहर संवाददाता
मध्य प्रदेश: दमोह जिले में कुछ लोगों ने शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी पर स्याही फेंक दी। इसके बाद जय श्री राम के नारे भी लगाए। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि शिक्षा अधिकारी अपनी सरकारी गाड़ी में बैठे हैं। इसी दौरान उन पर हमला हुआ।
दमोह जिला शिक्षा अधिकारी एसके मिश्रा ने एएनआई को बताया कि मैं उनके नाम नहीं जानता, लेकिन वे स्थानीय लोग हैं। वे गंगा जमुना स्कूल के मुद्दे (हिजाब विवाद) के बारे में बात कर रहे थे। मुझे न तो इसकी जांच दी गई है और न ही मैंने रिपोर्ट दर्ज की है। यह मामला एक उच्च समिति को सौंपा गया है। मैंने उनमें से कुछ चेहरों को देखा है, जिनके पास कुछ बकाया बिल थे। इसलिए उन्होंने बदला लेने के लिए ऐसा किया होगा। बिल कुछ स्कूलों की मरम्मत के रखरखाव से संबंधित थे।
क्या है गंगा जमुना स्कूल विवाद?
जानकारी के मुताबिक, कुछ दिनों पहले दमोह के गंगा जमुना हायर सेकेंडरी स्कूल में हिजाब को लेकर विवाद हुआ था। स्कूल की दीवार पर बोर्ड परीक्षा के टॉपर्स को बधाई देने वाला एक पोस्टर चिपकाया गया था। विहिप और एबीवीपी सहित विभिन्न दक्षिणपंथी संगठनों ने आरोप लगाया था कि गैर-मुस्लिम छात्राओं को स्कूल की ओर से हिजाब पहनने के लिए मजबूर किया गया, जैसा कि उनके पोस्टर में देखा जा सकता है।
प्रदेश सरकार ने रद्द किया था स्कूल का पंजीकरण
आरोप लगाया गया था कि गैर-मुस्लिम छात्रों को मुहम्मद इकबाल की ओर से लिखे गए छंदों को गाना गाने के लिए भी मजबूर किया गया था। इस विवाद के बाद दमोह के जिला कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने स्कूल पर लगे आरोपों की जांच के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया था। इसके बाद में मध्य प्रदेश सरकार ने विभिन्न नियमों के उल्लंघनों का हवाला देते हुए गंगा जमुना उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के पंजीकरण को रद्द कर दिया।
शुक्रवार को जारी हुआ था आदेश
जिला शिक्षा विभाग की ओर से मान्यता रद्द करने का आदेश शुक्रवार शाम को जारी किया गया। हिजाब विवाद का उल्लेख किए बिना दमोह जिला प्राधिकरण की अधिसूचना में कहा गया है कि गंगा जमुना स्कूल को राज्य शिक्षा विभाग की ओर से निर्धारित मानदंडों का पालन नहीं करते हुए पाया गया है। इसलिए इसके पंजीकरण को तत्काल प्रभाव से रद्द करने का निर्णय लिया गया है।
सौजन्य: गूगल