ब्लैकमेलर पत्रकार गिरोह के सरगना विनोद सिंह ने अपने को पाक-साफ बताने के लिए अतिक्रमणकारियों का लिया सहारा….. अतिक्रमणकारियों का जाने सच, प्रमाण के साथ
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित जमशेदपुर में ब्लैकमेलर पत्रकार गिरोह चलाने वाले सरगना विनोद सिंह ने अपने को पाक-साफ बताने के लिए मोहन कम्प्लेक्स के अतिक्रमणकारियों का सहारा लिया है।वह अपने मां जैसी भाभी के आबरू से खेलने के बाद अपने गुनाह पर पर्दा डालने का हर संभव प्रयास में लग गया है।जिसका पोल न्यूज़ लहर लगातार परत दर परत खोल रहा है।
जमशेदपुर के साकची थाना स्थित मोहन कम्प्लेक्स में प्रसिद्ध होटल ग्रांड है। मोहन कंपलेक्स के मालिक मोहन बनर्जी और उनकी मां जुटिका बनर्जी थी। उन दोनों से अधिवक्ता संजय कुमार सिंह बरसों पहले मोहन कॉन्प्लेक्स के कुछ हिस्सों को खरीदा था। उस दौरान उन्होंने रजिस्ट्री डीड भी कराई थी। जिस पर होटल ग्रांड चल रहा है। वही मोहन कॉन्प्लेक्स में कुछ लोग मोहन बनर्जी और उनकी वृद्ध माता जुटिका बनर्जी की जानकारी के बगैर दुकान और मकान में कब्जा कर बैठे। अब उन लोगों को डर है कि अवैध कब्जे से हटा दिया जाएगा।वह अपने बचाव के सहारा खोज रहे थे। इस बीच होटल ग्रांड के प्रसिद्धि को जानकर शहर में ब्लैक मेलिंग का धंधा चलाने वाले विनोद सिंह होटल मालिक को ब्लैक मेलिंग कर बारह लाख रुपया वसूलने का प्लान बनाया। जिसके तहत अपने गिरोह के पांच सदस्यों के साथ जबरन होटल में घुसकर वीडियोग्राफी की और धमकाकर ब्लैक मेलिंग के रुपए मांगने लगा। रुपए नहीं देने पर होटल और उसके मालिक को बदनाम करने की धमकी देने लगा। इस होटल के मालकिन के पति अधिवक्ता संजय सिंह है। उन्होंने ब्लैकमेल होने से बेहतर विनोद सिंह और उसकी गिरोह के विरुद्ध केस दर्ज करा दिया। इससे घबराकर विनोद सिंह अनेक बार शहर के प्रतिष्ठित पत्रकार गोविंद पाठक के पास दौड़कर समझौता कराने का प्रयास किया। साथ ही इस मुकदमे में शहर के वरिष्ठ पत्रकार कवि कुमार से भी गवाही रुकवाने की पैरवी की। कवि कुमार के पास विनोद सिंह अपने को तहलका डॉट कॉम, देलही का पत्रकार बन कर मिला था। वही संजय कुमार सिंह को भी यह तहलका डॉट कॉम देलही का रिपोर्टर बनकर ब्लैकमेल कर रहा था। इस दौरान जब जाने-माने पत्रकार गोविंद पाठक ने मदहस्ता करने से मना कर दिया ,तब वह इतना बौखलाया की जान मारने के लिए गोविंद पाठक के घर पर हमला भी कर दिया।जिसको लेकर गोविंद पाठक ने साकची थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। जिसका जांच सिटी एसपी कर रहे हैं।इस दौरान जब विनोद सिंह की एक नहीं चली तब वह मोहन कॉन्प्लेक्स में अतिक्रमणकारियों का इंटरव्यू करके ,अपने फेसबुक में चलाने लगा।जिसमें संजय सिंह पर आरोप लगाया गया कि वह मोहन कॉन्प्लेक्स में अतिक्रमण करके बैठे हैं। इस संबंध में अधिवक्ता संजय सिंह मोहन काम्प्लेक्स के खरीद संबंधित और रजिस्टर्ड सेल डीड का कॉपी दिखाए। उन्होंने बताया कि मोहन बनर्जी और उनकी मां जुटीका बनर्जी से खरीदा है।जिसका रजिस्टर्ड डीड है।
इंटरव्यू में बैठने वाले विनोद सिंह मोहन कॉन्प्लेक्स में प्रिंटिंग प्रेस चलाते हैं। जो अवैध कब्जा कर रखे हैं।
उन्होंने सिवरेंज लाइन के बगल में कब्जा कर दुकान बना लिया है। वही दूसरे इंटरव्यू देने वाले सुखविंदर सिंह @ टोनी जो अटवाल फर्नीचर के नाम से इनका फर्नीचर दुकान था जब इनपर केस हुआ तब सुखविंदर सिंह @ टोनी ने अटवाल फर्नीचर का नाम बदल कर पंथ इंटरप्राइजेज कर दिया वे भी अवैध कब्जा किए हुए है ।
तीसरे इंटरव्यू करने वाले मुनी सिंह है, जो एफसीआई गोडाउन में कुली का काम करते हैं। उनका और उनके पत्नी का मोहन बनर्जी से मधुर संबंध था। जिसके लाभ उठाते हुए मोहन कंपलेक्स के चार दुकान और दो कमरे के रूम पर कब्जा कर रखा है।
जबकि चौथे नंबर पर बयान बाजी कर रहे पुतुल है, जो दो रूम पर कब्जा कर रखा है।इन सारे लोगों के पास किसी तरह का भी वैध कागजात नहीं है।उन्हें डर है कि भविष्य में संजय सिंह इनको मोहन काम्प्लेक्स से खदेड़ देंगे और मोहन काम्प्लेक्स को कबजा मुक्त करा देंगे।इसलिए यह ब्लैकमेलर गिरोह के सरगना विनोद सिंह से हाथ मिला कर अधिवक्ता संजय सिंह के विरुद्ध बयान बाजी शुरू कर दिए हैं। जिससे उनकी छवि खराब हो सके। वही अधिवक्ता संजय सिंह ने सारे डाक्यूमेंट्स न्यूज़ लहर संवाददाता को उपलब्ध कराएं है, जो इस समाचार में सलंग्न है।जिसे देखकर सुधि पाठक समझ सकते हैं कि ब्लैकमेलर गिरोह के सरगना विनोद सिंह न्यूज़ लहर के नित्य खुलासे से बौखला कर कब्जा धारियों के सहारे अपने को पाक साफ बताने और कब्जा धारियों को बचाने के लिए कितने बेचैन है।