Health

विभागिय स्तर पर रुतागुदू चिकित्सा केन्द्र की ऑक्सीजन प्लांट में सुधार लाने का प्रयास जारी – डां. हरेन्द्र सिंह मुंडा

 

हहरज़ लहर संवाददाता

झारखंड: पश्चिम सिंहभूम जिला में

कोरोना के कहर से लोगों को बचाने के लिए झारखंड सरकार प्रयत्नशील रही है।सरकार के दिशा – निर्देशन एवं आवश्यकता के अनुसार सारंडा क्षेत्र के रुतागुदू चिकित्सा केन्द्र में ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया ।

यह ऑक्सीजन प्लांट दों वर्षो तक काफी कारगर रहा एवं सुविधा अनुसार मरीज के बेड तक उत्पादित ऑक्सीजन पाईप द्वारा पहुँचाने की प्रक्रिया में सफल रही ।लेकिन इसमें खराबी आने के उपरांत अभी तक इसमे सुधार नहीं की गई है ।परिणाम स्वरूप ऑक्सीजन की अकस्मात समस्या क्षेत्र में बनती हुई दिख रही है ।इस संदर्भ में क्षेत्र के पीएचसी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डांक्टर हरेन्द्र सिंह मुंडा के अनुसार रुतागुटू पीएच सी सेन्टर में मरीजों की अच्छी सुविधा हेतु ऑक्सीजन प्लांट कोरोना के कार्यकाल में लगाई गई थी।यह ऑक्सीजन प्लांट विगत छह माह से खराब चल रहा है ।इसके पुनः चालू करने हेतु टेक्नीकल्स टीम ने मुआयना व जॉच कर विभागिय स्तर पर की जा चुकी है ।लेकिन अभी तक इसमें सुधार नही हो पाई है। निरंतर प्रयास जारी है। इस प्रकरण को जिला स्वास्थ्य कार्यालय में वार्ता व चर्चा की जा चुकी है।इसमें सुधार हेतु प्रयास के बाद पुनः टेक्निकल टीम ने संपर्क किया है । इसमें सुधार के लिए काम अविलंब होगी ।इसके सुधार व ठीक कराने हेतु निरंतर प्रयास जारी है।ऑक्सीजन का जीवन में बहुत अधिक महत्व है। किसी भी प्राणी को जीवित रखने के लिए ऑक्सीजन अनिवार्य है ।इसलिए इसे प्राणवायु भी कहा जाता है। इसका मुख्य स्रोत पेड़ पौधे हैं।पृथ्वी पर ऑक्सीजन के प्रमुख स्रोतों में वायुमंडल, प्रकाश संश्लेषण और पृथ्वी की पपड़ी शामिल हैं।साधारण तापमान (25 डिग्री सेल्सियस) पर 1 लीटर पानी में करीब 6 मि. ग्रा. ऑक्सीजन घुली होती है।रात में ऑक्सीजन छोड़ने वाले पौधों के कुछ उदाहरणों में स्नेक प्लांट, एरेका पाम, एलोवेरा, तुलसी, स्पाइडर प्लांट और बहुत कुछ शामिल हैं। इनमें से किसी भी पौधे को अपने लिविंग रूम या बेडरूम में रखने से आपका घर अधिक जीवंत और सौंदर्य की दृष्टि से मनभावन लगेगा।

Related Posts