कुष्ठ रोग की पहचान व दिव्यांगता रोकथाम को लेकर दो दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न

चाईबासा: सदर अस्पताल स्थित सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में दो दिवसीय कुष्ठ रोग निवारण पर केंद्रित प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण 25 एवं 26 जुलाई को डेमियन फाउंडेशन इंडिया ट्रस्ट के सहयोग से कल शनिवार देर शाम को संपन्न हुआ। कार्यक्रम में जिले के नोडल कुष्ठ चिकित्सा पदाधिकारी, स्वास्थ्य कर्मियों एवं कुष्ठ विभाग के कर्मचारियों ने भाग लिया।
प्रशिक्षण के दौरान डेमियन फाउंडेशन के कार्यक्रम पदाधिकारी सोमशेखर रेड्डी एवं राज्य समन्वयक डॉ. गौतम कुमार ने प्रतिभागियों को कुष्ठ रोग के लक्षण, प्रकार, उपचार की प्रक्रिया तथा समय रहते उपचार से दिव्यांगता की रोकथाम संबंधी विस्तृत जानकारी दी।
पश्चिमी सिंहभूम के सिविल सर्जन डॉ. सुशांत कुमार मांझी ने कहा कि जिले से कुष्ठ रोग को जड़ से समाप्त करने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों की सक्रिय सहभागिता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नोडल चिकित्सा पदाधिकारियों के साथ-साथ सभी स्वास्थ्य कर्मियों को निष्ठा से कार्य करना होगा तभी इस बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकेगा।
जिला कुष्ठ निवारण प्राधिकारी डॉ. भारती मिंज ने जानकारी दी कि समय पर पहचान और इलाज शुरू करने से दिव्यांगता से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि जिले में इस वर्ष अब तक 57 नए कुष्ठ रोगियों की पहचान की गई है। सभी मरीजों को मल्टी ड्रग थेरेपी (एमडीटी) की मुफ्त दवा उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही उन्हें पोषण सहायता योजना के तहत हर महीने ₹500 की राशि प्रदान की जा रही है। पीबी (पॉज़िटिव बैसिलरी) मरीजों को कुल ₹3000 तथा एमबी (मल्टी बैसिलरी) मरीजों को ₹6000 की राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जाती है।
इस अवसर पर जिले के सभी नोडल कुष्ठ चिकित्सा पदाधिकारी, स्वास्थ्यकर्मी एवं कुष्ठ विभाग के अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।