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मजदूर केवल श्रमिक नहीं, वह हमारे सपनों का शिल्पकार है” – विश्व मजदूर दिवस पर बोले भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष बड़कुंवर गागराई* *राजनीति और पलायन का शिकार हो रहे मजदूर, योजनाओं का लाभ उठाकर बचाएं अपना जल-जंगल-ज़मीन*

 

न्यूज़ लहर संवाददाता
चाईबासा: विश्व मजदूर दिवस के अवसर पर झारखंड के पूर्व मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष बड़कुंवर गागराई ने मजदूरों की स्थिति पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि मजदूर केवल एक श्रेणी नहीं, बल्कि हर इंसान अपने-अपने कर्म क्षेत्र में एक तरह से मजदूर ही है। उन्होंने कहा कि चाहे किसान हो, कर्मचारी हो, शिक्षक हो या कोई अधिकारी—हर कोई अपने कर्तव्यों की दुनिया में परिश्रम करता है, खुद की जिम्मेदारियों का बोझ ढोता है, और जीवन की गाड़ी को खुद ही संतुलित करता है।

*“मजदूर हमारे सपनों का निर्माता होता है”*
श्री गागराई ने कहा कि जब हम अपने सपनों के घर में सुकून की नींद लेते हैं, तब हम शायद यह भूल जाते हैं कि उस घर की एक-एक ईंट पर किसी मजदूर की मेहनत की बूंदें लगी हैं। ताजमहल जैसा अजूबा हो या विश्व के सबसे ऊँचे पुल—हर निर्माण की नींव में मजदूर का पसीना और संघर्ष ही होता है। उन्होंने कहा, “अगर सच्चाई से देखें तो हर सपना जो साकार होता है, उसके पीछे एक मजदूर की हथेली की लकीरें होती हैं।”

*“आज का मजदूर हो रहा है शोषण का शिकार”*
पूर्व मंत्री ने दुःख प्रकट करते हुए कहा कि आधुनिक युग में तकनीक और विकास के साथ-साथ मजदूरों का शोषण भी बढ़ा है। ठेकेदारी और इंजीनियरिंग के नियंत्रण में मजदूरों की मेहनत सस्ती होती जा रही है और उनकी पीड़ा अनदेखी। कई मजदूर अपने जल, जंगल और ज़मीन को छोड़कर हज़ारों किलोमीटर दूर रोज़गार की तलाश में जाते हैं और वहाँ न केवल आर्थिक बल्कि मानसिक और शारीरिक शोषण का भी शिकार होते हैं।

*“योजनाएं हैं, पर जागरूकता नहीं”*
श्री गागराई ने कहा कि सरकारों ने मजदूरों के कल्याण के लिए बीमा, पेंशन, स्वास्थ्य और स्वरोजगार से संबंधित अनेक योजनाएं चलाई हैं, लेकिन जागरूकता के अभाव में वे योजनाएं ज़मीनी स्तर तक नहीं पहुँच पा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बहुत सारे मजदूर आज भी इन योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते हैं और मजबूरी में दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं, जो न केवल समाज के लिए बल्कि राज्य के भविष्य के लिए भी चिंताजनक है।

*“अपने क्षेत्र में रहें, एकजुट हों, योजनाओं का लाभ लें”*
पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई ने सभी श्रमिकों, दिहाड़ी मजदूरों और कामगारों से अपील की कि वे संगठित रहें, एकजुट रहें, और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनें। उन्होंने कहा, “मजदूरों की सबसे बड़ी ताकत उनकी एकता है। आप अपने जल-जंगल-ज़मीन की रक्षा करते हुए सरकार की योजनाओं का लाभ अपने ही क्षेत्र में उठाएं। जब आप मजबूत होंगे, तब समाज भी मजबूत होगा और आने वाली पीढ़ी सुरक्षित होगी।”

*मजदूर दिवस केवल उत्सव नहीं, संकल्प का दिन है*
श्री गागराई ने अंत में कहा कि मजदूर दिवस केवल एक दिन की रस्म नहीं है, बल्कि यह दिन हमें याद दिलाता है कि राष्ट्र निर्माण की असली बुनियाद श्रम पर टिकी होती है। मजदूर न केवल देश के आर्थिक विकास के इंजन हैं, बल्कि सामाजिक समानता और मानवता के भी प्रतीक हैं।

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