सरकार बंगले में मस्त, बिजली पानी के बिना जनता त्रस्त, सांसद राज्य की जनता ढिबरी युग में जीने के लिए मजबूर
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:रांची के सांसद संजय सेठ ने सांसद कार्यालय में एक प्रेस वार्ता आयोजित कर कहा राजधानी रांची सहित पूरे झारखंड में बिजली और पानी के बिना हाहाकार मचा हुआ है। जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। परंतु यह सरकार बेशुध सोई हुई है।ऐसा लग रहा है जैसे इस सरकार को जन सरोकार से कोई मतलब ही नहींहै।जन सरोकार से मतलब नहीं रखने वाली सरकार को सत्ता में रहने का कोई भी हक नहीं होना चाहिए। फरवरी महीने से ही रांची में बिजली की आंख मिचौली शुरू हुई है।ट्रांसफार्मर जलने की शिकायत आने लगी। इसके साथ ही जल संकट भी शुरू हुआ। परंतु इस राज्य का दुर्भाग्य है कि यहां ऐसी सरकार शासन चला रही है। जिसे इन सब से कोई मतलब नहीं। इस भीषण गर्मी में बिजली कटौती से बच्चे बुजुर्ग मरीज किसान परेशान है। छोटे-छोटे उद्योग धंधे बंद होने के कगार पर है। बिजली आपूर्ति नहीं होने के कारण गांव के किसान खेतों में पानी नहीं पटा पा रहे हैं ।जिसके चलते फसल का नुकसान हो रहा है।छोटे-छोटे व्यापारी बिजली की किल्लत से परेशान है। पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। पानी भरने के लिए लोग रात रात भर जाग रहे हैं।नगर निगम पूरी तरह बिफल है।पानी के कारण आपस में लोग लड़ाई झगड़ा तक कर रहे हैं। रांची के 60% चापाकल फेल हो गए हैं।इसका जिम्मेदार कौन? करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद भी बोरिंग फेल हो गई है।कोई देखने सुनने वाला नहीं है। राज्य की जनता 50 साल पूर्व जैसे लोग पंखा हिलाकर गर्मी भगाते थे और लालटेन जलाकर घर में उजाला करते थे। ऐसे युग में राज्य सरकार ने यहां के लोगों को जीने के लिए मजबूर कर दिया है । मुख्यमंत्री मंत्री और अफसर सब अपने बंगले में मस्त हैं और यहां की जनता बिजली पानी के बिना त्रस्त है।अफसोस लगता है कि सरकार के पास कोई विजन नहीं है कि कैसे बिजली और पानी के संकट का समाधान किया जा सके।ईचागढ़, से लेकर सिल्ली और कांके, खिजरी, हटिया, खलारी तक से प्रतिदिन दर्जनों कॉल आ रहे हैं। लोग बता रहे हैं कि बिजली संकट है। कहीं पानी का संकट है ,कहीं चापाकल खराब पड़े हैं, कहीं जल मीनार बनकर तैयार है, परंतु जल जलापूर्ति नहीं हो रही है। यह ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति है। ग्रामीण क्षेत्रों को छोड़ दे तो शहर की स्थिति उससे भी बदतर है।शहर में मात्र 8 से 9 घंटे बिजली मिल रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी कमोवेश यही स्थिति है।पेयजल का पाइप कहीं टूट जाता उसे सरकार तुरंत मरम्मत नहीं कर पाती है। नतीजा लाखों गैलन पानी बर्बाद हो रहे हैं ।शहर में ऐसे कई जगह पर इस तरह के लीकेज देखे जा सकते हैं।जल स्रोत को रिचार्ज किया जासके, इस तरफ सरकार का ध्यान ही नहीं है। आखिर जनता क्या करें।ना तो सप्लाई का पानी सही समय पर मिल पा रहा है। ना तो कोई वैकल्पिक व्यवस्थाएं हैं की गई कोईउच राज्य कोई करोड़ों रुपए दिया गया है। राजधानी में भी उस योजना को धरातल पर पूरी तरह से नहीं उतारा जा सका है। अफसर फाइल घुमाते हैं और मंत्री अपनी गाड़ियों पर घूमते हैं। इस सरकार का यही चरित्र रह गया है मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जनता की तरफ से अनुरोध है की राजधानी की जनता को बक्स दीजिए। कम से कम इनके लिए समुचित पानी और बिजली की व्यवस्था सुनिश्चित कीजिए ।ताकि इस भीषण गर्मी में जनता को कुछ राहत मिल सके।जो सरकार आम लोगों को बिजली पानी मुहैया नहीं करा सकती ऐसे सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है ।यदि सरकार अभिलंब बिजली और जल संकट का समाधान नहीं निकालती है तो रांची लोकसभा क्षेत्र की जनता इस निकम्मी सरकार के खिलाफ जोरदार आंदोलन करने के लिए मजबूर होगी। जिसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
आज के इस प्रेस वार्ता में निवर्तमान पार्षद अरुण झा, सुनील यादव ,अर्जुन राम उपस्थित थे